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शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

तुम्हारे लिए

आज फिर रोया है ये दिल
रोया है ये दिल आज फिर तुम्हारे लिए


 लाख तूफां झेले हैं मेरी कश्ती ने यूँ तो
हवाएं कुछ ऐसे चली हैं अबके कि
वेदना अजीब सी  उठी है तुम्हारे लिए

यूँ तो यकीं नहीं ख्वाबो ख्यालो कि दुनिया में मुझे
न जाने क्यूँ  सपने बुनना  अच्छा लगता है  तुम्हारे लिए


वो कोई और होंगे जो जीते होंगे दौलत शोहरत  की खातिर
मेरी तो हर साँस चली है तुम्हारे लिए


अपने लिए कब कुछ माँगा है मैंने उस खुदा से
जब उठे हैं ये हाथ दुआ में उठे हैं तुम्हारे लिए


गलत हैं वो लोग जो जोड़ते मोहब्बत को जिस्म की बंदिशों में
मेरा इश्क तो रूहानी हुआ है तुम्हारे लिए

लाख वजहे हो सकती है इस जिंदगी को जीने वैसे तो
ना जाने क्यूँ मैंने अपना हर पल जिया है तुम्हारे लिए

तुम दूर रहो या पास , मुझे चाहो या नहीं क्या फर्क पड़ता है
मेरी हर धड़कन धड़कती है महज तुम्हारे लिए

काश ये मेरी जिंदगी भी एक  मधुर कविता होती
मेरी कविता का हर लफ्ज  होता तुम्हारे लिए


तुम यकीं करो या न करो
आज भी ये अंशु जीता है सिर्फ तुम्हारे लिए

*HimANSHU RAJput*











सोमवार, 23 जनवरी 2012

तुम दूर जा ना सकोगी

कुछ इस तरह फैले हैं अब मेरी मोहब्बत के दायरे
तुम मुझसे दूर जाना भी चाहो तो जा ना सकोगी। 
यूँ रह गए मेरी यादो के निशान तुम्हारे ह्रदय  पटल पर,
भुलाना भी चाहोगी मुझे तो भुला ना सकोगी।

ऐसे  तय किये हैं ये सफ़र साथ साथ हमने 
तुम कभी हाथ छुड़ाके जाना भी चाहो तो जा ना सकोगी।
चाहत की कसम कुछ यूँ चाहा है मैंने तुझे बरसो से
मुझे चाह के अब तुम किसी और को चाह ना सकोगी।

बंधी  है तुझसे मेरे रिश्ते की डोर ऐसे
तुम लाख चाहो इस रिश्ते को तुड़ा ना सकोगी।






रविवार, 3 जुलाई 2011

कभी-कभी


 कभी  कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि जैसे मैं और तू एक ही हैं
 एक  हि है  तेरी  और  मेरी  रूह , एक  जिस्म  एक  जान  हैं

कभी  कभी  मेरे  दिल में  ख्याल  आता  है  कि  जैसे  तेरे  मेरे  सपने  एक  हि  हैं,
 एक हि  हैं  हमारी  मंजिल ,

कभी  कभी  मेरे दिल  में  ख्याल  आता  है  कि  जैसे  आज  भी  तेरी  धड़कने  मेरे   लिए  धडकती  हैं ,
आज  भी  तू  मुझसे  मिलने  के  लिए तरसती  है ,

मैं  जानता हूँ  कि  अब  तुझपे  मेरा  हक  नहीं  पर  ना  जाने  क्यूँ  कभी  कभी  मेरे  दिल  में  ख्याल  आता  कि   जैसे  तू  मेरी  है  , मेरी  है  तेरी  बाहें मेरी  हैं  तेरी  आहें  

दूरियां  हैं  बहुत  दोनों  के  दरमियाँ  पर  कभी  कभी  मेरे  दिल में  ख्याल  आता  है  जैसे  हम  दोनों  जुदा  हुए  हि  नहीं , नहीं  अलग  हुए  तेरे  मेरे  रास्ते,  नहीं  अलग  हुई  हमारी  मंजिलें 

तू  कहे  ना  कहे  लेकिन  तेरी  आँखें  बोलती  हैं  कि  तू  आज  भी  मुझे  उतना  हि चाहती है ,आज  भी  तू  मेरी  यादों  के  सहारे  जीती  है , मेरे  नाम  पे  मरती  है

मै जानता  हू कि  अब  हम  कभी  नहीं  मिल  पाएंगे  ,पर  ना  जाने  क्यूँ  कभी  कभी  मेरे  दिल  में  ख्याल  आता  है  कि  जैसे  हम  कभी  जुदा  नहीं  हो  पाएंगे 

लाख  कोशिश  कि  तुझे   भुलाने  कि  मगर  भुला  ना  पाया ,कभी  कभी  मेरे  दिल  में  ख्याल  आता  है  कि  तेरी   यादें  हि  मेरी  जिंदगी  बन  गयी  है  और  तेरी  उम्मीद  मेरे  जीने  का  सबब …