आज फिर रोया है ये दिल
रोया है ये दिल आज फिर तुम्हारे लिए
लाख तूफां झेले हैं मेरी कश्ती ने यूँ तो
हवाएं कुछ ऐसे चली हैं अबके कि
वेदना अजीब सी उठी है तुम्हारे लिए
यूँ तो यकीं नहीं ख्वाबो ख्यालो कि दुनिया में मुझे
न जाने क्यूँ सपने बुनना अच्छा लगता है तुम्हारे लिए
वो कोई और होंगे जो जीते होंगे दौलत शोहरत की खातिर
मेरी तो हर साँस चली है तुम्हारे लिए
अपने लिए कब कुछ माँगा है मैंने उस खुदा से
जब उठे हैं ये हाथ दुआ में उठे हैं तुम्हारे लिए
गलत हैं वो लोग जो जोड़ते मोहब्बत को जिस्म की बंदिशों में
मेरा इश्क तो रूहानी हुआ है तुम्हारे लिए
लाख वजहे हो सकती है इस जिंदगी को जीने वैसे तो
ना जाने क्यूँ मैंने अपना हर पल जिया है तुम्हारे लिए
तुम दूर रहो या पास , मुझे चाहो या नहीं क्या फर्क पड़ता है
मेरी हर धड़कन धड़कती है महज तुम्हारे लिए
काश ये मेरी जिंदगी भी एक मधुर कविता होती
मेरी कविता का हर लफ्ज होता तुम्हारे लिए
तुम यकीं करो या न करो
आज भी ये अंशु जीता है सिर्फ तुम्हारे लिए
*HimANSHU RAJput*
रोया है ये दिल आज फिर तुम्हारे लिए
लाख तूफां झेले हैं मेरी कश्ती ने यूँ तो
हवाएं कुछ ऐसे चली हैं अबके कि
वेदना अजीब सी उठी है तुम्हारे लिए
यूँ तो यकीं नहीं ख्वाबो ख्यालो कि दुनिया में मुझे
न जाने क्यूँ सपने बुनना अच्छा लगता है तुम्हारे लिए
वो कोई और होंगे जो जीते होंगे दौलत शोहरत की खातिर
मेरी तो हर साँस चली है तुम्हारे लिए
अपने लिए कब कुछ माँगा है मैंने उस खुदा से
जब उठे हैं ये हाथ दुआ में उठे हैं तुम्हारे लिए
गलत हैं वो लोग जो जोड़ते मोहब्बत को जिस्म की बंदिशों में
मेरा इश्क तो रूहानी हुआ है तुम्हारे लिए
लाख वजहे हो सकती है इस जिंदगी को जीने वैसे तो
ना जाने क्यूँ मैंने अपना हर पल जिया है तुम्हारे लिए
तुम दूर रहो या पास , मुझे चाहो या नहीं क्या फर्क पड़ता है
मेरी हर धड़कन धड़कती है महज तुम्हारे लिए
काश ये मेरी जिंदगी भी एक मधुर कविता होती
मेरी कविता का हर लफ्ज होता तुम्हारे लिए
तुम यकीं करो या न करो
आज भी ये अंशु जीता है सिर्फ तुम्हारे लिए
*HimANSHU RAJput*