हवाओं ने छेड़े हैं आज फिर से मधुर गान
चाँदनी से भरा है सारा आसमान...
ये जो मौसम ने बदली है करवट आज
ये तुम हो या तुम्हारे होने का अहसास।।।।
करने लगा है दिल मेरा खुद से खुद ही बात
मिली है जैसे बिन माँगे खुशियों कि सौगात...
बदला है समां ये , हुई जैसे सावन की पहली बरसात
ये तुम हो या तुम्हारे होने का अहसास।।।
बहके -बहके से कुछ कदम हैं मेरे
बावरे से कुछ स्वप्न हुए हैं मेरे
नहीं हैं बस में मेरे , अब मेरे जज़बात
ये तुम हो या तुम्हारे होने का अहसास।।।
देखता हूँ जिधर भी फिजायें बदली सी हैं
मेरी आरजुएं आज कुछ पगली सी हैं
कैसे न माने मेरा दिल कि कुछ तो है बात
ये तुम हो या तुम्हारे होने का अहसास।।।
यूँ जो कभी भी चली आती हो तुम
मेरे होने का एक नया एहसास लाती हो तुम
कातिल तो हैं पर क्या कमाल हैं तुम्हारे ये अंदाज़
ये तुम हो या तुम्हारे होने का अहसास।।।
आज पूरी सी दुआएं लगती हैं मुझे अपनी
बेगानी ये दुनिया लगती हैं मुझे अपनी
ज़माने भर की दौलत हो जैसे आज इस फ़क़ीर के पास
ये तुम हो या तुम्हारे होने का अहसास।।।
चाँदनी से भरा है सारा आसमान...
ये जो मौसम ने बदली है करवट आज
ये तुम हो या तुम्हारे होने का अहसास।।।।
करने लगा है दिल मेरा खुद से खुद ही बात
मिली है जैसे बिन माँगे खुशियों कि सौगात...
बदला है समां ये , हुई जैसे सावन की पहली बरसात
ये तुम हो या तुम्हारे होने का अहसास।।।
बहके -बहके से कुछ कदम हैं मेरे
बावरे से कुछ स्वप्न हुए हैं मेरे
नहीं हैं बस में मेरे , अब मेरे जज़बात
ये तुम हो या तुम्हारे होने का अहसास।।।
देखता हूँ जिधर भी फिजायें बदली सी हैं
मेरी आरजुएं आज कुछ पगली सी हैं
कैसे न माने मेरा दिल कि कुछ तो है बात
ये तुम हो या तुम्हारे होने का अहसास।।।
यूँ जो कभी भी चली आती हो तुम
मेरे होने का एक नया एहसास लाती हो तुम
कातिल तो हैं पर क्या कमाल हैं तुम्हारे ये अंदाज़
ये तुम हो या तुम्हारे होने का अहसास।।।
आज पूरी सी दुआएं लगती हैं मुझे अपनी
बेगानी ये दुनिया लगती हैं मुझे अपनी
ज़माने भर की दौलत हो जैसे आज इस फ़क़ीर के पास
ये तुम हो या तुम्हारे होने का अहसास।।।