कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि जैसे मैं और तू एक ही हैं
एक हि है तेरी और मेरी रूह , एक जिस्म एक जान हैं
एक हि है तेरी और मेरी रूह , एक जिस्म एक जान हैं
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि जैसे तेरे मेरे सपने एक हि हैं,
एक हि हैं हमारी मंजिल ,
एक हि हैं हमारी मंजिल ,
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि जैसे आज भी तेरी धड़कने मेरे लिए धडकती हैं ,
आज भी तू मुझसे मिलने के लिए तरसती है ,
मैं जानता हूँ कि अब तुझपे मेरा हक नहीं पर ना जाने क्यूँ कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता कि जैसे तू मेरी है , मेरी है तेरी बाहें मेरी हैं तेरी आहें
दूरियां हैं बहुत दोनों के दरमियाँ पर कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है जैसे हम दोनों जुदा हुए हि नहीं , नहीं अलग हुए तेरे मेरे रास्ते, नहीं अलग हुई हमारी मंजिलें
तू कहे ना कहे लेकिन तेरी आँखें बोलती हैं कि तू आज भी मुझे उतना हि चाहती है ,आज भी तू मेरी यादों के सहारे जीती है , मेरे नाम पे मरती है
मै जानता हू कि अब हम कभी नहीं मिल पाएंगे ,पर ना जाने क्यूँ कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि जैसे हम कभी जुदा नहीं हो पाएंगे
लाख कोशिश कि तुझे भुलाने कि मगर भुला ना पाया ,कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि तेरी यादें हि मेरी जिंदगी बन गयी है और तेरी उम्मीद मेरे जीने का सबब …
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