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शुक्रवार, 13 अप्रैल 2012

कहा था तुमने

भुला न पाओगे मेरी यादों को, कहा था तुमने
वास्ता अपनी चाहत का दिया था तुमने
ना समझ सका तुम्हारे उन एहसासों को
जिनके हर अंश पर मेरा नाम लिखा था तुमने

खोकर तुम्हे ये एहसास हुआ
जैसे खुद को ही कहीं खो बैठा हूँ मैं 
ख़ामोशी जब कभी घेरेगी तुम्हे
दिल में कसक आँखों में मेरा चेहरा होगा, कहा था तुमने

दूर तुम क्या गयी मुझसे जैसे संसार मेरा कहीं खो गया
जो था मेरा मानो वो किसी और का हो गया
बहुत पछताओगे मुह मोड़ के जाते हो अभी
कुछ कहना कभी चाहोगें तो कह ना पाओगे, कहा था तुमने

हुआ था बावरा दुनिया की चकाचोंध में
अब समझा प्यार बिन कहाँ कुछ रखा है दुनिया में
जिसके लिए छोड़ के जाते हो ,एक दिन जब वो ही ठुकराएगा
तो ख्याल सिर्फ मेरा आयेगा, कहा था तुमने

अब पल-पल तड़पता हूँ दिल पे बोझ लिए
अफ़सोस भी करता हूँ अपने किये  पे
एक बार जो चली गयी मुड़ के
वापस ना आऊँगी, कहा था तुमने

कहाँ जाऊ,क्या करूँ, कुछ समझ नहीं आता है 
हर पल तुम्हारा मुस्कुराता चेहरा सामने आता है
जब कभी  मुश्किल  आए, आँखें बंद करके
 मेरा नाम पुकारना ,पास मुझे पाओगे ,कहा था तुमने







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